आज यहां पर आप Magrib Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर मगरिब की नमाज पढ़ने का सही तरीक़ा, नियत, रकात सभी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।
इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी मगरिब की नमाज अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर भी मगरिब की नमाज अदा करने का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पे पुरा ध्यान से पढ़ें।
Magrib Ki Namaz Ka Tarika
आप भी शायद इस बात को जानते ही होंगे कि मगरिब की नमाज में कुल मिलाकर 7 रकात नमाज अदा की जाती है जो कुछ इस तरह है।
सबसे पहले मगरिब की नमाज में 3 रकात फर्ज नमाज अदा की जाती है फिर 2 रकात सुन्नत नमाज मगरिब में पढ़ी जाती है अंत में 2 रकात नफ्ल पढ़ी जाती है।
हमने यहां पर मगरिब की नमाज पूरा एक के बाद एक करके स्टेप बाय स्टेप बताया है आप ध्यान से पढ़ें जिसे आसानी से मगरिब की नमाज पढ़ सकें।
यहां पर सबसे पहले मगरिब की 3 रकात फर्ज नमाज का तरीका जानेंगे जिसे अकेले और जमात के साथ भी पढ़ी जाती है दोनों तरीकों को एक एक करके जानेंगे।
मगरिब की फर्ज नमाज अकेले में पहली रकात
- सबसे पहले मगरिब की फर्ज नमाज की नियत करेंगे।
- इसके बाद अल्लाहू अकबर कह कर हांथों को बांध लेंगे।
- नियत अगर ना मालुम हो तो नीचे लिखी हुई है समझ लें।
- इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
- फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
- अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
- इसके बाद सूरह फातिहा यानी अलहम्दु शरीफ पुरा पढ़ें।
- सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
- फिर नमाज में पढ़ी जाने वाली सूरह में से कोई एक सूरह पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
- रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठें।
- रूकूअ से उठते उठते भर में रब्बना लकल हम्द भी कहेंगे।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
- सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
- दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
मगरिब की फर्ज नमाज अकेले में दुसरी रकात
- पहले यहां सिर्फ अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ेंगे।
- फिर बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ कर सूरह फातिहा पुरा पढ़ेंगे।
- सूरह फातिहा पढ़ने के बाद यहां भी आहिस्ते से आमिन कहें।
- फिर कोई भी छोटी या बड़ी सूरह को यहां पर पढ़ेंगे।
- इसके बाद पहली रकात की तरह ही अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- अब रूकूअ से उठते हुए समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहें।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठें फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
- यहां भी दुसरी सज्दा में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला ज़रूर पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठ जाएं और तशह्हुद पढ़ें।
- तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब ‘ला’ पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें।
- इसके बाद तुरंत इल्ला पर उंगली दें और अल्लाहु अकबर कहते हुए तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
मगरिब की फर्ज नमाज अकेले में तीसरी रकात
- यहां भी दुसरी रकात की तरह अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पुरा पुरा पढ़ें।
- इसके बाद सूरह फातिहा पढ़ें और पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
- इसके बाद यहां पर अपने मन से सूरह पढ़ें या ना पढ़ें तीसरी रकात में सूरह मिलाना ज़रूरी नहीं।
- अब यहां भी अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकूअ से सर उठाएं।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठें फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
- दुसरी सज्दा में भी कम से कम तीन या फिर पांच या सात बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब आखिर में अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएं और तशह्हुद पढ़ें।
- यहां भी अत्तहिय्यात यानी तशह्हुद पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें और इल्ला पर उंगली गिरा दें।
- इसके बाद दुरूद शरीफ में दुरूदे इब्राहिम को पढ़ें इसके बाद दुआ ए मासुरा पढ़ें।
- अब सलाम फेर लें पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
- दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहें और बाएं तरफ गर्दन को घुमाएं।
यहां आपकी 3 रकात मगरिब की फर्ज नमाज़ मुकम्मल हो गई इसके बाद थोड़ी सी दुआ करके अगली 2 रकात सुन्नत नमाज के लिए खड़े हो जाएं।
यह हुई अकेले में मगरिब की नमाज 3 रकात फर्ज का तरीका अब जानेंगे इमाम के पीछे मगरिब की नमाज में 3 रकात फर्ज नमाज का तरीका।
मगरिब की फर्ज नमाज इमाम के पीछे पहली रकात
- सबसे पहले नियत करें और इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने पर नियत बांधे।
- इसके बाद अपने मन में ही सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्म व बिहम्दिका व तबारकसमु क व तआला जद्दूक व ला इल्लाहा गैरूक पढ़ें।
- इसके बाद आप चुप रहें इमाम साहब किराअत करेंगे यानी सूरह फातिहा फिर कोई सूरह पढ़ेगे उसी को आप सुनें।
- फिर इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएंगे तो आप भी रूकुअ में जाएं।
- आप अपने ही सुनने भर आवाज़ में तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- इसके बाद इमाम साहब समीअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठेंगे तो आप उठते हुए रब्बना लकल हम्द कहें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर इमाम साहब के कहने पर उनके साथ सज्दा में जाएं।
- और मन ही मन में अपने सुनने तक 3, 5 या 7 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ लें।
- फिर अल्लाहु अकबर कि आवाज़ पे उठ जाएं।
- फिर तुरंत इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे तो आप भी दुसरी सज्दा में जाएं।
- और दुसरी सज्दा में भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर इमाम साहब के कहने पर दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
मगरिब की फर्ज नमाज इमाम के पीछे दुसरी रकात
- यहां पर आप ख़ामोशी से सब सुने और जब इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ करें तो आप करें।
- हर बार कि तरह यहां भी रूकुअ में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर इमाम साहब समीअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठेंगे तो आप रब्बना लकल हम्द कहते हुए उठें।
- अब इमाम साहब के अल्लाहु अकबर कहने पर सज्दा में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहने पर उठें फिर अल्लाहु अकबर कहने पर दुसरी सज्दा करें।
- दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें और अल्लाहु अकबर इमाम के कहने पर बैठ जाएं।
- अब तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ें अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर शहादत उंगली उठाएं।
- इसके बाद तुरंत इल्ला पर गिरा भी दें और इमाम के अल्लाहु अकबर कहने पर तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
मगरिब की फर्ज नमाज इमाम के पीछे तीसरी रकात
- यहां भी खामोश रहे साथ ही इमाम साहब भी अपने ही जुबान में किराअत करेंगे।
- लेकिन अल्लाहु अकबर आवाज़ में बोल कर रूकूअ में जाएंगे तो आप भी रूकुअ में जाएं।
- यहां भी हर बार कि तरह तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए इमाम साहब उठेंगे तो आप रब्बना लकल हम्द कहते हुए उठें।
- अब अल्लाहु अकबर कहने पर सज्दा में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहने पर उठें और फिर अल्लाहु अकबर कहने पर दुसरी सज्दा करें।
- अब अल्लाहु अकबर कहने पर सज्दा से उठ कर बैठ जाएं और तशह्हुद पढ़ें।
- तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें।
- फिर तुरंत इल्ला पर गिरा भी दें और इसके बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ें।
- अब आखिर में दुआ ए मासुरा पढ़ें और इमाम साहब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहेंगे।
- पहली बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहने पर दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं फिर कहने पर बाएं तरफ।
यहां आपकी 3 रकात फर्ज मगरिब की नमाज की हो जाएगी इसके बाद सब अकेले अकेले आगे की 2 रकात सुन्नत मगरिब की नमाज अदा करेंगे।
मगरिब की 2 रकात सुन्नत नमाज का तरीका
आप मगरिब की नमाज में 2 रकात सुन्नत नमाज को अकेले पढेंगे अगर आप इसका भी तरीका स्टेप बाय स्टेप जानना चाहते हैं तो।
आप इस लिंक 2 रकात सुन्नत नमाज का तरीका पर क्लिक करके समझ लें यहां पर बहुत ही आसानी से आप समझ जाएंगे और नमाज अदा कर पाएंगे।
मगरिब की 2 रकात नफ्ल नमाज का तरीका
अगर आप सुन्नत पढ़ लेंगे तो बस नियत अलग करके उसी तरह से 2 रकात नफ्ल भी पढ़ें अगर आप इसे भी अच्छे से जानना चाहते हैं तो।
आप यहां इस लिंक 2 रकात नफ्ल नमाज का तरीका पर क्लिक करके समझ लें यहां पर भी हमने नफ्ल नमाज का सही तरीका आसान लफ़्ज़ों में बताया है।
Magrib Ki 3 Rakat Farz Namaz Ki Niyat
नियत की मैने 3 रकात नमाज मगरिब की फर्ज़ वास्ते अल्लाह ताअला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
अरबी में इसका नियत इस तरह करें
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला सलस् रकाति सलावति मग़रिबी फर्जुलल्लाहे मुतवाजिहन इला जिहातिल काअबतिस शरिफती अल्लाहु अकबर।
गौर करें: अगर फर्ज नमाज़ जमाअत के साथ अदा कर रहे हैं तो हिन्दी नीयत में अल्लाह ताअला के बाद ‘पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर’ कहें।
जबकि अरबी की नियत में मग़रिबी फर्जुलल्लाहे के बाद इकत दयतू बिहाजल इमाम कहें तब मुतवाजिहन इला जिहातिल काअबतिस शरिफती अल्लाहु अकबर कहें।
Magrib Ki 2 Rakat Sunnat Namaz Ki Niyat
नियत की मैने 2 रकात नमाज मगरिब की सुन्नत रसुले पाक कि वास्ते अल्लाह ताअला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
अरबी में इसका नियत इस तरह करें
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावति मग़रिबी सुन्नत रसुलल्लाहे मुतवाजिहन इला जिहातिल काअबतिस शरिफती अल्लाहु अकबर।
Magrib Ki 2 Rakat Nafil Namaz Ki Niyat
नियत की मैने 2 रकात नमाज मगरिब की नफ्ल की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
अरबी में इसका नियत इस तरह करें
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावति नफ्ली मुतवाजिहन इला जिहातिल काअबतिस शरिफती अल्लाहु अकबर।
Magrib Ki Namaz Ki Rakat
मगरिब की नमाज में कुल मिलाकर सब 7 रकात नमाज अदा की जाती है पहले 3 रकात फर्ज अदा करना होता है इसके बाद 2 रकात सुन्नत और 2 रकात की नफ्ल पढ़ी जाती है।
अंतिम लफ्ज़
मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो मगरिब की नमाज अदा करना सिख ही गए होंगे अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें जिसे वो भी सही से मगरिब की नमाज पढ़ सकें।
एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।
Jazakallah Bhai apka bahut bahut shukriya.
Good job
Subhanallah..a
Apne bhut hi ache trike se namaj ko sikhne k tarike bataye.. Allah apko neki de ..aap hmesha aise hi aage apne kaam ko krte rhe .. jarurat mand logo ko madad krte rhe.. aallah apko barkat se nawajenge…