यहां पर आप Eid ul Adha Ki Namaz Ka Tarika बहुत ही आसानी से जानेंगे क्योंकी हमने यहां पर ईद उल अजहा की नमाज पढ़ने का तरीक़ा, नियत, और भी चीजें बहुत ही स्पष्ट और आसान लफ़्ज़ों में बताया है।
इसे पढ़ने के बाद आप आसानी ईद उल अजहा की नमाज अदा कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर भी ईद उल अजहा की नमाज का तरीका ढूंढनी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पुरा ध्यान से पढ़ें।
Eid ul Adha Ki Namaz Ka Tarika
आप भी यह जानते ही होंगे कि ईद उल अजहा की नमाज 2 रकात होती है जिसकी छः जायद तकबीर एक सलाम में अदा करके मुकम्मल की जाती है।
यहां पर हमने दोनों रकातों को एक एक करके स्टेप बाय स्टेप बताया है आप ध्यान से पढ़ें जिसे आसानी से ईद उल अजहा की नमाज पढ़ सकें।
Eid ul Adha Ki Namaz Ka Tarika – पहली रकात
- यहां सबसे पहले आप ईद उल अजहा की नियत करेंगे।
- अब इमाम को अल्लाहू अकबर कहने पर हांथो को बांध लें।
- अगर नियत ना मालुम हो तो नीचे लिखी हुई है समझ लें।
- इसके बाद सना यानी ‘सुब्हान क अल्लाहुम्मा’ पुरा पढ़ें।
- अब अल्लाहू अकबर कहने पर हांथ उठा कर छोड़ देना है।
- फिर से अल्लाहू अकबर कहने पर हांथ उठा कर छोड़ ही दें।
- तीसरी बार अल्लाहू अकबर कहने पर हांथ बांध लेना है।
- यहां से अब इमाम साहब सब पढ़ेंगे आपको चुप रहना है।
- पहले इमाम अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ेंगे।
- अब तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ेंगे।
- इसके बाद सूरह फातिहा यानी अलहम्दु शरीफ पुरा पढ़ेंगे।
- सूरह फातिहा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन आप भी कहें।
- इसके बाद कोई एक सूरह या 3 आयत पढ़ा जाएगा।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहने पर रूकूअ में जाएंगे।
- रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठेंगे।
- आप रूकूअ से उठते हुए रब्बना लकल हम्द कहेंगे।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं।
- सज्दे में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहने पर उठ कर बैठ जाएंगे।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कहने पर दुसरी सज्दा करें।
- दुसरी सज्दा में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहने पर दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
Eid ul Adha Ki Namaz Ka Tarika – दूसरी रकात
- पहले यहां पर तअव्वुज और तस्मियह पढ़ा जाएगा।
- इमाम साहब अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ेंगे।
- इसके बाद यहां भी सूरह फातिहा बुलन्द आवाज में पढ़ेंगे।
- फिर यहां भी कोई एक सूरह या आयत को पढ़ा जाएगा।
- अब यहां पर तकबीरें बोली जाएगी आप ध्यान दें।
- पहली बार अल्लाहु अकबर कहने पर हाथ उठा कर छोड़ना है।
- दुसरी बार भी अल्लाहू अकबर कहने पर हांथ उठा कर छोड़ दें।
- यहां तिसरी बार भी अल्लाहू अकबर कहने पर हांथ को छोड़ दें।
- चौथी बार अल्लाहू अकबर कहने पर बगैर हांथ को उठाए।
- आप अब रूकुअ में जाएंगे हर बार की तरह ध्यान रहे।
- रूकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकूअ से उठेंगे।
- आप साथ ही रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकुअ से उठेंगे।
- इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दा में जाएंगे।
- सज्दे में भी कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठेंगे।
- फिर फ़ौरन अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करेंगे।
- दुसरी सज्दा में भी ज़रूर 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे से उठ कर बैठ जाएंगे।
- इसके बाद तशह्हुद यानी अत्तहिय्यात पढ़ा जाता है।
- अत्तहिय्यात पढ़ते हुए कलिमे ला पर उंगली खड़ा करेंगे।
- फिर तुरंत इल्ला पर उंगली गिरा कर सीधी कर लेंगे।
- इसके बाद दुरूदे इब्राहिम पढ़ें फिर दुआ ए मसुरा पढ़ें।
- अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहने पर सलाम फेर लें।
- पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएंगे।
- फिर दुसरी बार अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन घुमाएंगे।
यहां तक आपकी 2 रकात ईद उल अजहा की नमाज मुकम्मल हो गई इसके बाद खुतबा होता है आप चुपचाप सब बैठे बैठे सुनेंगे।
ईद उल अजहा की नमाज पढ़ने का सही तरीका
आपको सिर्फ इस बात पर ध्यान रखना चाहिए कि ईद उल अजहा की नमाज में नियत के बाद अल्लाहू अकबर कहने पर हांथ बांध कर सना पढ़ना है।
इसके बाद अल्लाहू अकबर कहने पर हांथ उठा कर छोड़ दें फिर दुसरी बार भी हांथ उठा कर छोड़ देना है तिसरी बार अल्लाहू अकबर कहने पर हांथ बांध लेना है।
इसके बाद सूरह फातिहा और सूरह आयत पढ़ी जाएगी चुप रहना है पढ़ने के बाद अल्लाहू अकबर कहने पर रुकुअ और सज्दा करें।
यहां तक ईद उल अजहा की नमाज की पहली रकात हो जाएगी दुसरी रकात में उठते उठते सूरह फातिहा और सूरह आयत पढ़ी जाएगी।
इसके बाद तीन जायद तकबीर होगी तो ध्यान रहे पहली बार अल्लाहू अकबर कहने पर हांथ उठा कर छोड़ देना है दुसरी बार भी छोड़ दें और तिसरी बार भी अल्लाहू अकबर कहने पर हांथ उठा कर छोड़ देना है।
इसके बाद चौथी बार अल्लाहू अकबर रूकुअ में जाने के लिए कहा जाएगा यहां पर बगैर हांथ उठाए रूकुअ में जाएंगे इसके बाद बाकी नमाज़ की तरह होती है।
सिर्फ आपको इतना ही ध्यान रखना चाहिए अगर आप समझ गए होंगे तो आप आसानी से बगैर कोई वसवसे के आसानी से ईद उल अजहा की नमाज पढ़ सकेंगे।
ईद उल अजहा की नमाज की नियत
नियत की मैने 2 रकात नमाज़ ईदुल अजहा की वाजिब जाइद छः तकबीरों के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
इमाम के पीछे इस तरह नियत करें
नियत की मैने 2 रकात नमाज़ ईदुल अजहा की वाजिब जाइद छः तकबीरों के वास्ते अल्लाह तआला के पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ।
इसके बाद उनके ही अल्लाहू अकबर कहने आप भी अल्लाहू अकबर कहें और हांथ उठा कर नीचे लाकर नाफ के नीचे बांध लेंगे अब नमाज शुरू होगी।
ईद उल अजहा की नमाज की नियत अरबी में
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलाति ईदुल अजहा मा सित़्ती तकबिरात जाएदती वाजिबल्लाहे तआला मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफती अल्लाहू अकबर।
इमाम के पीछे इस तरह नियत करें
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलाति ईदुल अजहा म अ सित़्ती तकबिरात जाएदती वाजिबल्लाहे तआला इक त दयतु बिहाजल इमाम मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफती अल्लाहू अकबर।
अंतिम लफ्ज़
मेरे प्यारे मोमिनों आप अब तक तो ईद उल अजहा की नमाज अदा करना सिख ही गए होंगे अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और इस बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर करें जिसे वो भी सही से ईद उल अजहा की नमाज पढ़ सकें।
एक बात और अगर कहीं पर आपको गलत लगा हो या कहीं कुछ छूट गई हो तो भी आप हमें कॉमेंट करके इनफॉर्म करें ताकि हम अपनी गलतियां सुधार सकें हम सब से छोटी बड़ी गलतियां होती रहती है इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।
shukriya