Karz Utarne Ki Dua । कर्ज उतारने की दुआ और वजीफा हिंदी में जानिए

आज यहां पर आप एक बहुत ही बेहतरीन और कारगर दुआ यानी कि Karz Utarne Ki Dua के साथ साथ कर्ज उतारने का प्रभावशाली वजीफा भी जानेंगे जो बहुत ही उम्दा व आला है।

जिंदगी में कुछ ऐसे पल आते हैं जहां पर हम और आप कर्ज लेकर उस वक्त की रफ्तार से बच पाते हैं वरना शौक की खातिर कौन कर्ज लेता है और यही कर्ज बाद में बोझ लगने लगता है।

जिसे हम चुकाने के लिए लाख कोशिश करते हैं लेकिन दिन ब दिन और भारी लगने लगता है ऐसे वक्त में हम बहुत परेशान हो जाते हैं और कई तरह से कोशिश करते हैं चुकाने की।

ऐसे में हम अपने रब से मुखातिब करते हैं और मजहब ए इस्लाम में हर तरह की परेशानी का हल है और हमें हल के रूप में दुआ नज़र आता है इसीलिए आप इस लेख को पूरा पढ़ें।

Karz Utarne Ki Dua In Hindi

“अल्लाहुम्मा कफिनी बिहलालि क अन हरामि क व अगनिनी बिफजली क अम्मन सिवा क”

Karz Utarne Ki Dua In Arabic

“اَللّٰهُمّ اکْفِنِى بِحَلَالِكَ عَنْ حَرَامِكَ وَ اَغْنِنِىْ بِفَضْلِكَ عَمَّنْ سِوَاكَ”

Karz Utarne Ki Dua In English

“Allahummaa Kafeeni Bihlaali Ka An Haraami Ka Wa Agneeni Beefazli Ka Amman Siwa Ka”

Karz Utarne Ki Dua Ka Tarjuma

ऐ अल्लाह मुझे हलाल रिज्क अता फरमा कर हराम से बचा और अपने फज्लो करम से अपने सिवा गैरों से बेनियाज कर दे।

कर्ज उतारने की दुआ पढ़ने का तरीका

अपने जिंदगी में जब तक कर्ज अदा न हो जाए सुबह व शाम शुरू में दुरूद शरीफ पढ़ कर 100 मरतबा इस दुआ यानी कर्ज उतारने की दुआ को पढ़ें और आखिर में भी दुरूद शरीफ पढ़ लें बेहतर है।

अगर आप हर दिन का फर्ज यानी पांच वक्त के नमाज अदा करते हैं तो हर नमाज के बाद कर्ज उतारने की दुआ को पहले दुरूद शरीफ पढ़ कर ग्यारह मरतबा पढ़ें और आखिर में भी दुरूद शरीफ पढ़ लें।

एक बात का आपको इल्म हो जाए कि इसी दुआ का निस्बत यानी इस दुआ के बारे में मौला अली करमल्लाहु तआला वजतह्हुल करीम ने फ़रमाया कि अगर तुझ पर पहाड़ के बराबर भी कर्ज़ होगा तु उसे अदा कर देगा।

कर्ज उतारने का वजीफा

इस दुआ को अल्लाहुम्मा कफिनी बिहलालि क अन हरामि क व अगनिनी बिफजली क अम्मन सिवा क इस दुआ को खूब कसरत से हर रोज सुबह शाम 100 मरतबा पढ़े।

हर नमाज के बाद 11 बार पढ़ें हमेशा पढ़ने से पहले और पढ़ने के बाद 1 – 1 बार दुरूद पाक पढ़ें।

एक मरवी हुआ की एक मुकातब यानी वह गुलाम जिसने आका से माल की अदाएगी के बदले आजादी का मुआहदा किया हुआ हो।

इसने हजरते मुश्किल कुशा अलिय्युल मुर्तजा शेरे खुदा करमल्लाहु तआला वजतह्हुल करीम की बारगाह में अर्ज कि:

मैं अपनी किताबत यानी आजादी की कीमत अदा करने से अजिज हूं मेरी मदद फरमाइए आप करमल्लाहु तआला वजतह्हुल करीम ने फ़रमाया मैं तुम्हें चन्द कलिमात न सिखाऊं जो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने सिखाए हैं।

अगर तुम पर एक पहाड़ के बराबर भी दैन यानी कर्ज होगा तो अल्लाह तआला तुम्हारी तरफ से अदा कर देगा तुम यु कहा करो

“अल्लाहुम्मा कफिनी बिहलालि क अन हरामि क व अगनिनी बिफजली क अम्मन सिवा क”

कर्ज उतारने का आसान तरीका

एक जरूरी बात आपको बताते चलें कि दिखावा व बहकावा के लिए कभी भी कर्ज ना लें इस बात को हमेशा आप ध्यान में समाए रखें।

अगर कर्ज हो गया हो तो अपने इनकम में से घर की जरुरत पुरा करके ज्यादा से ज्यादा पैसा बचाकर उन्हें चूका दें जिनसे आप ने लिया हो।

अपनी हर छोटी से छोटी रकम को अहमियत दें फिजूलखर्ची में कभी भी न जाएं और इसी छोटे रकम को जमा करके अपने सबसे पहले बड़े कर्ज को चुकाएं।

और जब तक आप कर्ज में मुब्तिला हो तब तक मनोरंजन और शौक की चीज़ों पर पैसा बरबाद न करें, इस बात को आप कर्ज के बाद भी ध्यान में रखें।

FAQs

कर्ज उतारने के लिए कौन सी दुआ पढ़े?

कर्ज उतारने के लिए ‘अल्लाहुम्म कफिनी बिहलालि क अन हरामि क व अगनिनी बिफजली क अम्मन सिवा क’ इस दुआ को पढ़े।

अंतिम लफ्ज

मेरे प्यारे मोमिनों अब तक तो आप भी आसानी से कर्ज पूरी करने की दुआ और वजीफा पढ़ कर जान ही गए होंगे और इसकी फजीलत और रहमत से आपकी कर्ज अदा होगी इंशाल्लाह।

हमने यहां पर दुआ के साथ साथ कर्ज उतारने का वजीफा भी बहुत ही साफ़ और आसान लफ़्ज़ों में लिखा था जिसे आप सही सही पढ़ कर आसानी से समझ जाएं और अमल में लाएं।

अगर आपके मन में इसे मुकम्मल पढ़ने के बाद कोई कन्फ्यूजन या फिर किसी तरह का सवाल हो तो आप। हमसे कॉन्टेक्ट अस के जरिए पूछ कर अपना डाउट दूर करें।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of AlNaza. I'm a Sunni Muslim From Jannatabad, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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