आज यहां पर आप एक बहुत ही अजीमुश्शान रात की इबादत का मुकम्मल इल्म यानि Shab E Barat Ki Raat Kya Padhna Chahiye इसका जानकारी हासिल करेंगे।
हमने यहां पर शब ए बारात की रात में पढ़ी जाने वाली नमाज़ दुआ सूरह और तमाम प्रकार की इबादत को बताया है जिसे पढ़ कर आप आसानी से समझ जाएंगे कि इस रात हमें क्या पढ़ना जरूरी है।
इसे मुकम्मल पढ़ने के बाद फिर आपको कहीं पर भी शब ए बारात की रात में की जाने वाली अमल का जायजा नहीं लेना पड़ेगा इसीलिए आप यहां पर ध्यान से पूरा पढ़ें और समझें।
Shab E Barat Ki Raat Kya Padhna Chahiye
शब ए बारात में सबसे पहले मगरीब बाद 2-2 रकात की नियत से 6 रकात नमाज पढ़ना चाहिए।
हर 2 रकात नमाज़ को मुकम्मल करने पर कम से कम एक मरतबा दुआए निस्फ शाबान पढ़ना चाहिए।
आपको इस रात को ज्यादा से ज्यादा कुरान ए पाक की तिलावत करना चाहिए।
इसके साथ साथ शब ए बारात की रात में दुरूदे पाक और कुरान पाक की सूरह भी जरूर पढ़ना चाहिए।
सबसे अच्छा अमल इस रात में शब ए बारात की नमाज में ज्यादा से ज्यादा नफ्ल नमाज पढ़ना चाहिए।
शब ए बारात की रात कजा ए उम्री का नमाज भी जरुर पढ़े और दुआ ए मग़फिरत करना चाहिए।
शब ए बरात में सलातुल तस्बीह और सलातुल तौबा की नमाज भी जरुर पढ़ें।
इस रात कब्रिस्तान जाकर कब्र की जियारत करके फातिहा पढ़ कर मगफिरत की दुआ करना चाहिए।
आप चाहें तो इस शब ए बरात की रात में तहज्जुद की नमाज़ भी पढ़ सकते हैं।
सबसे आखिर में आप शबे बरात की रात को अपने गुनाहों की बख्शिश जरूर करा लें।
शबे बरात की रात कब और क्या पढ़ें ?
शबे बरात में सबसे पहले नफ्ल नमाज पढ़ें फिर इसके बाद कजाए उमरी की नमाज पढ़ें फिर सलातुल तस्बीह और तमाम नफ्ल नमाज़ें मुकम्मल करें।
इसके बाद कुरान पाक की तिलावत करें ये कोई जरूरी नहीं की मुकम्मल पढ़ पाएं लेकिन जितना भी पढ़ें दिल से और साफ़ साफ़ पढ़ें।
एक बात याद रखें कि कभी भी शब ए बारात की रात खाली न बैठे इस रात इबादत में ही वक्त जाया करें दुरूद शरीफ़ और छोटी बड़ी सुरहों को भी ज़रूर पढ़ें।
इसे करने के बाद दुआ करें मगफिरत कराएं गुनाहों की बख्शिश कराएं अपने तमाम अहलो आयाल के लिए भी दुआ ए मगफिरत करें।
इन इबादतों को करने के बाद कब्रिस्तान की जियारत करें और वहां भी खूब दरूदे पाक और सूरह को पढ़ें और फातिहा भी पढ़ें।
शबे बरात की रात कितनी रकात नमाज पढ़ना चाहिए ?
शबे बरात की रात शुरू हो जाए तो मगरिब की नमाज मुकम्मल करने के बाद 2 -2 रकात की नियत से 6 रकात नमाज पढ़ें।
इसके बाद बाकी नफ्ल नमाज़ आप ईशा बाद पढ़ें, ईशा की नमाज मुकम्मल पढ़ लेने पर आप 2 – 2 रकात की नियत से 12 से 100 रकात नमाज़ पढ़ें।
एक रिवायत के मुताबिक जो शख्स शबे बरात में 100 रकात इस तरह से पढ़ें इस तरह से कि हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह इखलास 10 मरतबा पढ़ें।
इसपे फरमान है कि अल्लाह तआला उसकी तरफ सत्तर दफा निगाह फरमाएगा हर निगाह उसमें की 70 हाजत पुरी फरमाएगा सबसे छोटी हाजत उसकी मग़फिरत व बख़्शिश है।
इसके बाद सलातुल तस्बीह की नमाज़ भी पढ़ें फिर सलातुल तौबा की कम से कम 2 रकात नमाज पढ़ें और आखिर में नमाज ए तहज्जुद भी पढ़ लें।
शबे बरात की रात इन बातों पर जरूर अमल करें।
- सबसे पहले तौबा और इस्तिगफार करें, किसी को हक हो तो फ़ौरन अदा करें।
- शाबान की पंद्रहवी तारीख आए तो रात में इबादत करें और दिन में रोज़ा रखें।
- सदका व खैरात करें हुसुले सवाब के साथ सदकात व खैरात से बलाएं रद्द होती है।
- पंद्रहवी शब को गुस्ल करें, शुर्मा लगाएं, दुआ पढ़े खुदा न चाहा तो आंखों में कभी तकलीफ नहीं होगी।
- अहलो अयाल के खातिर मदारात करें अच्छी और उम्दा गिजा खाएं और खिलाएं।
- जियारते कुबूर के लिए खुसूसन इस रात को अहले सुन्नत के कब्रिस्तान पर जाएं।
- जिक्रे खुदा व रसुल की महफिल सजाएं हम्द व नात और मनकबत पढ़े मिलादे पाक बयान करें।
- अपने लिए अपने अहलो अयाल के लिए दुनियां के लिए दुआ कीजिए और दुआए निस्फ शाबान पढ़िए।
अंतिम लफ्ज
मेरे प्यारे मोमिनों अब तक तो आप भी जान ही गए होंगे कि इस बरकत व रहमत भरी रात में हम सभी को क्या पढ़ना चाहिए ताकि हमारी मगफिरत हो जाएं।
हमने यहां पर सभी बातों को हिंदी के बहुत ही साफ़ और आसान लफ़्ज़ों में बताया था जिसे आप आसानी से पढ़ कर समझ सकें अगर कोई डाउट हो तो जरूर पूछें।
अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो यानी इससे आपको कुछ हासिल हुई हो तो ऐसे इल्म को ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताकर अपने नामाए अमाल में नेकियों का इजाफा करें।