आज यहां पर आप Shab E Qadr Ki Namaz Ki Niyat हिंदी और अरबी में जानेंगे, हमने यहां पर शब ए कद्र की नमाज़ की नियत हिंदी और अरबी नियत भी हिंदी के आसान लफ़्ज़ों में बताया है।
इसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी से शब ए कद्र की नियत कर पाएंगे, यकीनन इसके बाद फिर आपको कहीं पर भी शब ए कद्र की नमाज़ की नियत नहीं ढूढनी पड़ेगी, इसीलिए आप यहां ध्यान से पुरा पढ़ें।
Shab E Qadr Ki Namaz Ki Niyat
इस बात को आप भी जानते ही होंगे कि शब ए कद्र की रात में कई तरह की फजीलत, रहमत व बरकत भरी नमाज़ अदा की जाती है।
सभी नमाज़ें 2 रकात की नियत और 4 रकात की नियत से अदा की जाती है आप यहां पर शब ए कद्र की 2 रकात और 4 रकात नमाज़ की नियत जानेंगे।
शब ए कद्र की 2 रकात नमाज़ की हिंदी नियत
- नियत की मैने 2 रकात नमाज शब ए क़द्र की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर।
शब ए कद्र की 2 रकात नमाज़ की अरबी नियत
- नवैतुअन उसल्लिय लिल्लाहि तआला रकाति सलाति नफ्ली मुतवाजिहन इलाजिहातिल काअबतिश शरीफती अल्लाहु अकबर।
शब ए कद्र की 4 रकात नमाज़ की हिंदी नियत
- नियत की मैने 4 रकात नमाज शब ए क़द्र की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर।
शब ए कद्र की 4 रकात नमाज़ की अरबी नियत
- नवैतुअन उसल्लिय लिल्लाहि तआला रकाति सलाति नफ्ली मुतवाजिहन इलाजिहातिल काअबतिश शरीफती अल्लाहु अकबर।
शब ए कद्र की नमाज़ की नियत का तरीका
शब ए कद्र की नमाज़ की नियत इस तरह से करें कि सबसे पहले आप मक्का की रूख करके खुद खड़े हो जाएं इसके बाद नियत पढ़ें।
नियत आप अल्फाज के जरिए पढ़ सकते हैं तो पढ़ें नहीं तो दिल में इरादा रखें कि ये नमाज़ शब ए कद्र की अपने रब की रजा और अपने मुराद के लिए पढ़ रहा हुं।
इसके बाद यहां पर आपकी नियत का प्रोसेस हो जाएगा इसके बाद आप नियत बांधेंगे इसका भी तरीका नीचे बताया हुआ है समझ लें।
शब ए कद्र की नमाज़ की नियत कैसे बांधे?
शब ए कद्र की नमाज़ की नियत पुरा पढ़ने के बाद अल्लाहू अकबर कहते हुए अपने हाथों को कानों तक उठाएं और कान की लौ छू कर हांथ नीचे लाएं।
हांथ को नीचे ला कर अगर आप औरत हैं तो आप नियत सीने पर बांधे लेकीन अगर पुरुष हैं तो आप अपना नियत नाफ़ के नीचे बांधे।
इस तरह से कि पहले बायां हाथ की हंथेली नीचे रखेंगे इसके उपर में दाहिनी हंथेली रखेंगे और उपर नीचे से एक एक उंगली से नीचे की हांथ पकड़ लेंगे।
यहां पर ध्यान दें उपर में सिर्फ तीन उंगली ही रहना चाहिए और नियत आपको कलाई पर बांधनी है यानी उंगली से कलाई पर पकड़नी है।
अंतिम लफ्ज़
मेरे प्यारे मोमिनों आप भी अब तक तो शब ए कद्र की सभी नमाज़ की नियत समझ गए होंगे हमने यहां पर साफ और आसान तरीके से शब ए कद्र की नियत अरबी और हिंदी में भी बताया हमें यकीन है आप अब आसानी से शब ए कद्र की नमाज़ की नियत कर सकेंगे।
अगर इसे पढ़ने के बाद अगर समझने में कोई दिक्कत आ रही हो या डाउट हो तो भी आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सवालों का जवाब जरूर देंगे जरूरत के मुताबिक सभी लोगों तक शेयर करें यह भी मजहब ए इस्लाम में एक बहुत ही बेहतरीन सदका है।
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