Witr Namaz Ki Niyat । वित्र की नमाज़ की नियत हिंदी और अरबी में

आज यहां पर आप Witr Namaz Ki Niyat हिंदी और अरबी में जानेंगे हमने यहां पर वित्र की नमाज़ की हिंदी और अरबी नियत साफ़ और आसान लफ़्ज़ों में लिखा है जिसे आप आसानी से समझ जाएंगे।

इसे पढ़ने के बाद आप आसानी से वित्र की नमाज़ की नियत कर पाएंगे फिर इसके बाद आपको कहीं पर वित्र की नमाज़ की नियत ढूढ़नी नहीं पड़ेगी इसीलिए आप यहां पर ध्यान से पुरा पढ़ें और समझें।

Witr Namaz Ki Niyat

यहां पर आपको वित्र की नियत और नियत का सही तरीका भी जानने को मिलेगा वक्त हो तो नीचे तक पढ़े आपकी इल्म में इज़ाफा होगा।

यहां पढ़ें: सभी नमाज़ की नियत और नियत का तरीका

वित्र की नमाज़ की नियत हिंदी में

  • नियत की मैने 3 रकात नमाज वित्र की वाजिब वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

वित्र की नमाज़ की अरबी नियत

  • नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला सलास् रकाति सलावतिल वित्र वाजिबल्लाहे मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश सरीफती अल्लाहू अकबर।

वित्र की नमाज़ की नियत कैसे करें?

Witr Namaz Ki Niyat Kaise Kare

जहां पर भी आपको नमाज-ए-वित्र अदा करना हो अगर आप मस्ज़िद है तो मस्ज़िद में या घर पे हैं तो घर पे ही सही तरीक़े से काबा की रूख करके खड़े हो जाएं।

इसके बाद आप वित्र की नमाज़ की नियत करें जिस तरह से हमने उपर में लिखा है आप हर एक लफ्ज को सही तरीके से जबां से निकाले।

अगर आप जबां से नहीं भी बोल सकते तो भी कोई हर्ज नहीं बट आपका हार्ट में यही इनटेंशन होना चाहिए कि यह नमाज वित्र की अदा कर रहे हैं।

जब सब सही तरीके से कर लेंगे तो यहां तक आपकी नियत की प्रोसेस हो जाएगी इसके बाद बात आती है नियत बांधने की वो भी देख लें तो बेहतर होगा।

वित्र की नमाज़ की नियत कैसे बांधी जाती है?

जब आप नियत कर लें तो अल्लाहू अकबर कहते हुए अपने दोनों हाथों को उठाएं, पुरूष हजरात कान तक उठाएं और कान की लौ छू लेंगे।

जबकि हमारी मां बहने अपने हाथों को शोल्डर तक ही उठाएंगे अब इसके बाद नीचे हाथों को सीने पर ला कर नियत बांध लेना है।

लेकिन हमारे मुस्लिम भाईयों अपने हाथों को नाफ के नीचे बांधेंगे अब यहां पर भी आपको नियत बांधने में भी गौर करना चाहिए।

पहले बायां हाथ की हंथेली अन्दर रखें और उसके ऊपर से उसकी हंथेली की उपरी भाग पर ही दाहिना हांथ की हंथेली को रखेंगे।

इसके बाद यहां ध्यान रखें कि अन्दर की हांथ को उपर के हांथ की उपर और नीचे की उंगली से पकड़ लेंगे और तीन उंगली कलाई पर बिछी रहेगी।

यहां तक आपकी नियत करके नियत बांधने की भी प्रोसेस हो जाएगी इसके बाद आपकी नमाज़ शूरू हो जाएगी यही है नियत का सही तरीका।

वित्र जमात से हो तो इन बातों पर ध्यान दें!

  • हिंदी नियत में अल्लाह तआला के बाद पीछे इस इमाम के बोलें।
  • अरबी में वाजिबल्लाहे के बाद इकत दयतू बिहाजल इमाम बोलें।
  • नियत करने के बाद इमाम के अल्लाहू अकबर कहने पर नियत बांधे।
  • हालांकि वित्र की नमाज सिर्फ रमज़ान महीने में ही जमात के साथ पढ़ते हैं।
  • इसका भी ध्यान रखें कि ईशा की फर्ज जमात से पढ़ी हो तो ही वित्र जमात से पढ़ें।

अंतिम लफ्ज़

मेरे प्यारे मोमिनों आप भी अब तक तो समझ गए ही होंगे वित्र की नमाज की नियत और नियत का सही तरीका भी हमने यहां पर एक एक बात को ध्यान में रख कर बहुत ही इंटरेस्टिंग और सही तरीक़े से सभी बातों को बताया था जिसे आप आसानी से समझ जाएं और अमल में भी लाएं।

अगर इस लेख को पढ़ने के बाद भी आपके मन में कोई सवाल या फिर किसी तरह से कोई डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके उत्तर लिए बैठे हैं जिसे आपकी सभी डाउट क्लियर हो जाए साथ ही इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।

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