Surah Baqarah Ki Aakhri 2 Ayat In Hindi । सूरह बकरा की आखरी 2 आयत

आज यहां पर आप एक बहुत ही ख़ास सूरह की आखरी के 2 आयत यानी कि Surah Baqarah Ki Aakhri 2 Ayat को जानेंगे जो बहुत कुछ इस्लाम के बारे में बयां करती है।

हमने यहां पर सूरह बकरा के इन दो आखरी आयतों को हिंदी के साथ साथ इंग्लिश और अरबी के बहुत ही साफ़ और आसान लफ़्ज़ों में लिखा है जिसे आप आसानी से पढ़ कर समझ सकें।

यक़ीनन इस खूबसूरत पैग़ाम को आखिर तक पढ़ने के बाद आपको इन दो आयतों का मुकम्मल इल्म हासिल हो जाएगा इसीलिए आप यहां पर ध्यान से और पूरा पढ़ें।

Surah Baqarah Ki Aakhri 2 Ayat In Hindi

आमनर्रसूलु बिमा उन्जिला इलैहि मिर रब्बिहि वल मुमिनून कुल्लु आमन बिल्लाहि व मला इकतिही व कुतूबिही व रसूलिह ला नुफर्रीकु बयना अहदिम मिर रसूलिह व कालु समीना व अत ना ग़ुफरानका रब्बना व इलैकल मसिर।

ला युकल्लिफुल लाहू नफ्सन इल्ला वुसअहा लहा मा कसब्त व अलैहा मक तसब्त रब्बना ला तु’वाखिजना इन्न नसिना अव अखतअना रब्बना व ला तहमिल अलयना इसरन कमा हमलतहू अल्ललजि न मिन कबलिना रब्बना वला तुहम्मिलना मा ला ता कता लना बिही वहफू अन्ना वग़फिर लना व रहमना अन्त मवलाना फंसूरना अलल कवमिल काफिरीन।

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Surah Baqarah Ki Aakhri 2 Ayat In Hindi

Surah Baqarah Ki Aakhri 2 Ayat In Arabic

ءَامَنَ ٱلرَّسُولُ بِمَآ أُنزِلَ إِلَيْهِ مِن رَّبِّهِۦ وَٱلْمُؤْمِنُونَ ۚ كُلٌّ ءَامَنَ بِٱللَّهِ وَمَلَـٰٓئِكَتِهِۦ وَكُتُبِهِۦ وَرُسُلِهِۦ لَا نُفَرِّقُ بَيْنَ أَحَدٍۢ مِّن رُّسُلِهِۦ ۚ وَقَالُوا۟ سَمِعْنَا وَأَطَعْنَا ۖ غُفْرَانَكَ رَبَّنَا وَإِلَيْكَ ٱلْمَصِيرُ

لَا يُكَلِّفُ ٱللَّهُ نَفْسًا إِلَّا وُسْعَهَا ۚ لَهَا مَا كَسَبَتْ وَعَلَيْهَا مَا ٱكْتَسَبَتْ ۗ رَبَّنَا لَا تُؤَاخِذْنَآ إِن نَّسِينَآ أَوْ أَخْطَأْنَا ۚ رَبَّنَا وَلَا تَحْمِلْ عَلَيْنَآ إِصْرًۭا كَمَا حَمَلْتَهُۥ عَلَى ٱلَّذِينَ مِن قَبْلِنَا ۚ رَبَّنَا وَلَا تُحَمِّلْنَا مَا لَا طَاقَةَ لَنَا بِهِۦ ۖ وَٱعْفُ عَنَّا وَٱغْفِرْ لَنَا وَٱرْحَمْنَآ ۚ أَنتَ مَوْلَىٰنَا فَٱنصُرْنَا عَلَى ٱلْقَوْمِ ٱلْكَـٰفِرِينَ

Surah Baqarah Ki Aakhri 2 Ayat In Roman English

Aamanar Rasoolu Bimaaa Unzilaa ilaihi Mir Rabbihee Walmu’minoon Kullun Aamana Billahi Wa Malaa’ikatihee Wa Qutoobihee Wa Rasuleeh La Nufrrikoo Bayna Ahadim Mir Rasuleeh Wa Qaloo Samee’ana Wa Atna Ghufranka Rabbna Wa ilaikal Maseer.

La Yukalliful Laahoo Nafsan illa Wus’ahaaa Lahaa Ma Kasbat wa Alaika Mak Tasbat Rabbna La Tu’wakhijnaa inna naseena Aw Akhta’anaa Rabbnaa Wa Laa Tahmil Alayna isran Kamaa Hamlatahoo Alallazee na Mun Qablina Rabbna Wala Tuhammilna Ma Laaa Ta’qataa Lanaa Bihee Wahfu Anna Waghfir Lanaa Wa Rahmanaa Anta Mawlana Fansurna Alal Qawmil Qafireen.

Surah Baqarah Ki Aakhri 2 Ayat Ka Tarjuma

रसूल उस पर ईमान रखता है जो उस पर उसके रब की ओर से नाजिल हुई है ईमान वाले भी ऐसा ही करते हैं वो सब अल्लाह, उसके फरिश्ते उसकी किताबों और उसके रसूलों पर ईमान रखते हैं।

वे कहते हैं हम उसके किसी भी दूत के बीच कोई अंतर नहीं करते हैं और वे कहते हैं हम सुनते हैं और मानते हैं हम आपसे क्षमा चाहते हैं हमारे ईश्वर और आपके लिए और आपके लिए सभी यात्राओं का अंत है।

अल्लाह किसी पर भी उसकी सामर्थ्य से अधिक बोझ नहीं रखता वह जो कुछ भी कमाता है उसे मिलता है हर वो नुक्सां को झेलता है जो वह कमाता है ईमान वाले प्रार्थना करते हैं हमारे प्रभु अगर हमसे भुल हो जाए या गलती करें तो हमें सजा न दे।

ऐ अल्लाह हम पर वैसा बोझ मत डाल जैसा तुमने हमसे पहले वालों पर डाला था ऐ अल्लाह हम पर उतना बोझ न डाल जिसे हम सहन नहीं कर सकते हमारे गुनाहों को बख्श दे हमे क्षमा कर हम पर दया करो तू हमारा रक्षक है तू हमें कुफ्र करने वालो के मुकाबले फतह दे।

सूरह बकरा की आखरी 2 आयत की फजीलत

सूरह अल बकरा की आखिरी आयत की फजीलत निम्नलिखित है:

  1. सूरह अल बकरा की दो आयतों को रात में पढ़ने से बुराई से निजात मिलती है।
  2. सूरह अल बकरा की आखिरी 2 आयत पढ़ने से शैतान दूर होते हैं।
  3. सूरह अल बकरा की आखरी के 2 आयत पढ़ने से ये हमें जिन्न व शैतान से महफूज रखती है।
  4. सूरह अल बकरा की दो आयतें पढ़ने हमारी इच्छा शक्ति बेहद मजबूत करती है।
  5. सूरह बकरा की दो आयतें हम पर सहने से अधिक मुश्किलें नहीं आने देती।
  6. सूरह अल बकरा की दो आयतें हमारे लिए एक तरह से दुआ का भी काम करती है।
  7. सूरह बकरा की आखिरी 2 आयत पढ़ने से गुनाह माफ होते हैं।
  8. सूरह अल बकरा की 2 आयतों को पढ़ने से हमारा रब हम पर मेहरबान रहता है।
  9. सूरह अल बकरा की दो आयतों को पढ़ने से सही कामों में अचीवमेंट भी होती है।
  10. सूरह अल बकरा की दो आयतें भी बयां करती है कि हम सब का रब एक है।

अंतिम लफ्ज

मेरे प्यारे मोमिनों अब तक तो आप भी आसानी से सूरह अल बकरा की आखरी 2 आयतों को पढ़ कर इनका महत्व और फजीलत भी जान ही गए होंगे क्योंकि हमने यहां पर सूरह अल बकरा की आखरी आयतों की फजीलत भी बयां की थी।

हमने यहां पर तमाम बातें बहुत ही साफ़ और आसान लफ़्ज़ों में लिखा था जिसे आप पढ़ कर आसानी से समझ जाएं अगर इसे पढ़ने के बाद भी आपके मन में कोई कन्फ्यूजन या फिर किसी तरह का डाउट हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट करके जरूर पूछें।

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of AlNaza. I'm a Sunni Muslim From Jannatabad, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.