हमने यह नॉटिस किया कि गुस्ल की दुआ न होने के बावजूद भी काफ़ी लोग गूगल पर Ghusl Ki Dua In Hindi सर्च कर रहे हैं।
सबसे बड़ा इसका वजह है लोगों के बीच प्रॉपर इन्फॉर्मेशन न होना या फिर यूं कहुं तो उनके अंदर कंफ्यूजन यानी गलतफहमी होना।
आपको यहीं पर बता देना चाहता हूं कि गुस्ल की दुआ नहीं होती अगर आप गुस्ल से रिलेटेड इन्फॉर्मेशन चाहते हैं तो ही इस लेख को पढ़ें।
Ghusl Ki Dua In Hindi
हमने उपर में ही इस कंफ्यूजन को दूर किया की ग़ुस्ल की दुआ नहीं होती बेहतर यही होगा की आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ कर ग़ुस्ल करना शुरू करें।
Refrenced: IslamQA
आप चाहे तो ग़ुस्ल के लिए नियत भी कर सकते हैं जिसमें आप दिल का इरादा करेंगे वही काफी है लफ्ज़ से कहना चाहे तो यूं कहें
“मैं नियत करता हूं गुस्ल की अपने रब की रजा और खुद की सवाब के लिए”
आइए अब आगे जानते हैं कि ग़ुस्ल किस तरह से की जाय और यह क्या है और क्यों जरूरी है इन सभी बातों का जवाब इस लेख में जानेंगे।
ग़ुस्ल का अर्थ क्या है?
ग़ुस्ल का अर्थ पाकीज़गी या मॉडर्न वर्ड में यूं कहूं तो बाथ यानि स्नान करना होता है लेकिन इसे तरीके से मुकम्मल यानी पुरा करना होता है।
जिस में ग़ुस्ल की फर्ज, सुन्नत और कई वाजिबात अहमियत रखती है अगर यह पुरी नहीं होगी तो आपकी ग़ुस्ल मुकम्मल नहीं होगी।
ग़ुस्ल क्यों जरूरी है?
हर तरह के नेक व जायज नमाज व कुरान पढ़ने के लिए फातिहा करने के लिए ग़ुस्ल बहुत जरूरी है नमाज पढ़ने के लिए ग़ुस्ल करना ही होगा।
कुरान पाक पढ़ने के साथ साथ छूने में भी ग़ुस्ल जरूरी है कहीं पर भी खास जगह जैसे औलियों की दरबार में हाजिर होने से पहले ग़ुस्ल कर लेना चाहिए।
हर वो जगह हर वो मकाम हर वो नेक काम और और हर वो नेक इबादत जिसमें हमें अपने रब से सामना करना हो ग़ुस्ल कर लेना चाहिए।
आप भी शायद जानते ही होंगे कि ग़ुस्ल यानी इस पाकीज़गी से भी हमारी और आपकी आधी ईमान मजबूत व महफूज रहती है।
अंतिम लफ्ज़
अब तक तो आप इस गलतफहमी से निकल ही गए होंगे कि गुस्ल की दुआ नहीं होती और इसके बाद हमेशा गुस्ल की नियत से गुस्ल करेंगे।
अगर अभी भी आपके मन में गुस्ल की दुआ से रिलेटेड कोई सवाल या फिर किसी तरह का कोई डाउट हो तो कॉन्टेक्ट मी के ज़रिए हमसे संपर्क करें।
अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो यानी इसे कुछ भी हेल्प हुई हो तो लोगों तक इसे पहुंचा कर सभी के बीच ज़रूर अवेयरनेस फैलाएं।
1 thought on “Ghusl Ki Dua In Hindi । क्या गुस्ल की दुआ होता है?”
Comments are closed.