हम में से कई लोग जब कुछ नया या बेहतर करना या फ़ैसला लेना चाहते हैं तो हमारे सामने कभी कभार अक्सर दो विकल्प आ जाते हैं।
फिर ऐसे में हमें एक चीज़ को चुनना बेहद कठिन लगता है तो हम इस्तिखारा करते हैं। इसीलिए हमें Istikhara Karne Ka Tarika मालूम होना चाहिए।
यहां पर हमने इस्तिखारा करने का सही तरीका बहुत आसान लफ्ज़ों में बताया है जिसे पढ़ कर आप आसानी से और सही तरीक़े से इस्तिखारा कर पाएंगे।
Istikhara Karne Ka Tarika
- इस्तिखारा की नियत करना
- इस्तिखारा की 2 रकात नमाज़ पढ़ना
- इस्तिखारा की दुआ पढ़ना
- अपनी ज़रूरत या इच्छा का इज़हार करना
- फिर पश्चिम की जानिब सर करके सो जाना
#1. इस्तिखारा की नियत करना
सबसे पहले अपने दिल में इरादा करें कि हम अपनी रब से खैर या सलाह के लिए इस्तिखारा करता या करती हूं इसके बाद नमाज़ की तैयारी शुरू करें।
#2. इस्तिखारा की 2 रकात नमाज़ पढ़ना
इस्तिखारा की 2 रकात नमाज़ इस तरह से पढ़ें कि पहली रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह काफिरून और दुसरी में सूरह इख्लास पढ़ें।
#3. इस्तिखारा की दुआ पढ़ना
दुआ से पहले 3 बार दुरुद शरीफ़ पढ़ें फिर सूरह फातिहा इसके बाद दुआ पढ़ें दुआ पढ़ने के बाद फिर 1 बार सूरह फातिहा और 3 बार दुरूद शरीफ पढ़ें।
- पहले 3 मरतबा दुरूद शरीफ़
- फिर 1 मरतबा सूरह फातिहा
- इसके बाद इस्तिखारा की दुआ
- अब फिर 1 बार सूरह फातिहा
- और आख़िर में भी 3 दफा दुरूद शरीफ़
#4. अपनी ज़रूरत या इच्छा का इज़हार करना
यहां पर आप अपनी जो भी बात हो उसे रब के हवाले करें की ऐ मेरे रब यह मेरे लिए सही है या नहीं वैसे दुआ में भी हाजल अम्र के जगह पर बोला ही जाता है।
इसे दुआ के बाद बोले अगर सूरह फातिहा और दुरूद शरीफ़ के बाद बोल रहे हैं तो फिर से 1 बार सूरह फातिहा और 3 मरतबा दुरूद शरीफ़ पढ़ लें बेहतर होगा।
#5. फिर पश्चिम की जानिब सर करके सो जाना
इन सभी बातों पर अमल करने के बाद आप सब रब के हवाले करके बेफिक्र होकर सो जाएं सोएं तो इस तरह से की आपका सर जानिबे किब्ला हो।
आपकी सर यानी पश्चिम की दिशा में पड़े सोते हुए और पैर पूरब को दिशा में फैले इसके बाद आप अपने ख्वाबों पर ध्यान दें जिसे नीचे हमने बताया है।
इस्तिखारा का जवाब कैसे जानें?
हमने तो उपर तक इस्तिखारा मुकम्मल किया और सो गया एक और बात, आप इस्तिखारा हमेशा ईशा के बाद ही करें और सो जाएं।
इसके बाद इसका जवाब इस तरह से जानें कि आपके सोने पर यदि ख़्वाब में सफ़ेद या फिर हरे कलर की कुछ भी नज़र आईं हो तो आप के हक में फैसले है।
अगर ख़्वाब में लाल या काली कलर की चीज नज़र आईं हो तो आप इसे न करें जैसे आप ने दुआ में यह बोली हो कि मुझे इस काम में शामिल होना चाहिए या नहीं।
तो अगर ख़्वाब में सफ़ेद या हरा दिखा तो करें जबकि लाल या ब्लैक दिखा हो तो ना करें यही फैसला आपके हक में हुआ है इसी तरह समझें।
लेकीन कभी ऐसा हुआ कि हमने इसे तालुक कोई भी ख़्वाब न देखी तो ऐसे हालात में आप इस्तिखारा लगातर करते चलें इसे आप 7 दिन तक जारी रखें।
लेकीन बीच में भी फैसला आ जाए तो छोड़ दें और जो फैसला आपके जहन में आई हो उसी फैसले पर आप उतरें। इस्तिखारा करने के बाद भी कभी कभार ऐसा भी होता है कि।
हमने मंशे जिस काम के लिए सही बनाए थे उसके खिलाफ आ गया तो ऐसे में आप अपने दिल की सुनें बेशक हमारा रब दिलों की बात जानता है।
अंतिम लफ्ज़
अब तक तो आप इस्तिखारा का तरीका पढ़ और समझ कर सही से इस्तिखारा करना सीख गए होंगे और अब हमेशा अपने लिए सही फैसला रब से पा सकेंगे।
अगर इसे मुकम्मल पढ़ने के बाद भी इस्तिखारा से जुड़ी कोई सवाल या फिर कोई डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट करके अपना जवाब पा सकते हैं।
अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो गई इस से कुछ सीखने को मिली हो तो ऐसे इल्म को उन्हें जरूर बताएं जो इस्तिखारा करने चाहते हैं।
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