आज़ के इस लेख में आप कई सारे अच्छी और बेहतरीन Short Hadees In Hindi में जानेंगे जो आपके लिए कई तरह से फायदेमंद होगी।
अगर आप यहां पर लिखी हदीस के मुताबिक जिंदगी को गुजारेंगे तो आपको यह दुनियां बहुत ही अमेजिंग लगेगी साथ ही आपकी आखिरत भी जगमाएगी।
इसीलिए यहां पर लिखी सभी हदीस शरीफ को ध्यान से पढ़ें और समझें जिसे आपको इस्लाम का सही इल्म हो जाए और अमल कर सकें।
Short Hadees In Hindi
- हुज़ूर ﷺ ने फरमाया: जो नेकी करके ख़ुश हो और बुराई करके परेशान हो, वह मोमिन है – मसनद अहमद 94
- अल्लाह के रसूल ﷺ ने फरमाया: दुनिया मोमिन के लिए कैदखाना और काफिर के लिए जन्नत है – सुनन इब्ने 4113
- नबी करीम (ﷺ) ने फ़रमाया: तुममें सबसे बेहतर वो शख़्स है जिसके अख़लाक़ सबसे अच्छे हो – बुखारी 2559
- हुज़ूर ﷺ ने फरमाया: जो लोगों का शुक्र अदा नहीं करता, वह अल्लाह का भी शुक्रगुज़ार नहीं होता – अबु दाऊद 4811
- रसूल अल्लाह ﷺ ने फ़रमाया: चुग़ल ख़ोर जन्नत में दाख़िल नहीं होगा – सहीह मुस्लिम हदीस न. 290
- नबी करीम ﷺ ने फ़रमाया: जो लोगों पर रहम नहीं करता अल्लाह भी उस पर रहम नहीं करता – सही बुखारी 7376
- हुज़ूर ﷺ ने फरमाया: बेशक, अल्लाह ने मुझ पर शराब, जुआ और ढोल को हराम कर दिया है – अबू दाऊद 3696
- रसूल अल्लाह ﷺ ने फ़रमाया: जब कोई शख्स किसी को कर्ज़ दे तो वह अपने कर्ज़दार से कोई हदिया कुबूल न करें – मिश्कात 2832।
- हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया: जब कोई शख़्स अपनी बेटी की शादी करना चाहे, तो उससे इजाज़त ले ले – सिलसिला 1889
- हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया: अल्लाह के यहाँ हलाल कामों में सबसे नापसंदीदा काम तलाक़ है – अबु दाऊद 2178
छोटी हदीस हिंदी में
जिस शख्स में वादे की पाबंदी नहीं, उसमे दीन नही -शोबुल ईमान 4354
दो आदमियों के दरमियान उनकी इजाज़त के बग़ैर मत बैठो – मिश्कात 4704
तुम में से बहतरीन लोग वह है जिनके कंधे नमाज़ में नरम हो – अबु दाऊद 672
जिसने एक साल तक अपने भाई से राबता तोड़े रखा तो वह ऐसे है जैसे उसका ख़ून बहाया हो – अबु दाऊद 4915
जो शख़्स सूरा कहफ़ की शुरूआती दस आयात याद कर ले तो उसे दज्जाल से बचा लिया जाएगा – मिश्कात उल मसाबीह 2126
हदीस की अच्छी अच्छी बातें
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया: मैं उस शख़्स के लिए जन्नत के बीचों-बीच एक घर की ज़ामिन लेता हूं जो मज़ाक़ में भी झूठ बोलना छोड़ दे – अबु दाऊद 4800
रसूल अल्लाह ﷺ ने फ़रमाया: यकीनन आदमी गुनाहों की वजह से रिज्क़ से महरूम कर दिया जाता है – मुस्नदे अहमद 22413
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया: जिस ने किसी को नेकी का पता बताया उसके लिए (भी) नेकी करने वाले के जेसा ही अज़र है – मुस्लिम 4899
कुरान हदीस की बातें
जो सब्र करने वालें है इनको बेशुमार सवाब मिलेगा – सुरह अल जुम्र 39
और हो सकता है कि जो तुम्हें नापसंद हो वही तुम्हारे लिए बेहतर हो – सुरह बकरा 126
और बुरी चाल चलने वाले का वबाल उसके चलने वाले पर ही पड़ता है – सुरह फ़ातिर 43
अल्लाह ताला फरमाता है: कह दीजिए मेरी नमाज मेरी कुर्बानी मेरी जिंदगी मेरी मौत एक अल्लाह रब्बुल आलमीन के लिए है – सूरह अनाम 162
और उसे वहाँ से रोज़ी देगा जहां से गुमान भी ना हो और जो अल्लाह पर भरोसा करते है तो अल्लाह उसे काफ़ी है – सूरह तलाक़ 2
हुज़ूर ﷺ ने फरमाया: सूरह बकरा में एक आयत ऐसी है जो क़ुरान करीम के तमाम आयत की सरदार है, जिस घर में भी इसकी तिलावत की जाती है वहाँ से शयातीन भाग जाते है, वह आयत आयतुल कुर्सी है – मुस्तद्रक 3026
बुखारी शरीफ की हदीस हिंदी में
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया: जब अल्लाह त’आला मख़लूक़ को पैदा कर चुका तो अपनी किताब लोहे महफ़ूज़ में, जो उसके पास अर्श पर मौजूद है उसने लिखा कि मेरी रहमत मेरे गुस्से पर ग़ालिब है – (बुख़ारी 3194)
हुज़ूर ﷺ ने फरमाया: मुनाफिक की तीन निशानियां है जब बात करे झूठ बोले जब वादा करे तो इसके ख़िलाफ़ करे और जब उसको अमीन बनाया जाए तो ख्यानत करे – (बुखारी 33)
रसूल अल्लाह ﷺ ने फ़रमाया: सामान बेचते वक्त दुकानदार के कसम खाने से सामान तो जल्दी बिक जाता है लेकिन वह क़सम बरकत को मिटा देने वाली होती है – (बुखारी 2087)
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया: अल्लाह त’आला ज़ालिम को चंद रोज़ दुनिया में मोहलत देता रहता है ,लेकिन जब पकड़ता है तो फिर नहीं छोड़ता – (बुख़ारी 4686)
हुज़ूर ﷺ ने फरमाया: वो जवान, जिसकी जवानी अल्लाह की इबादत में गुज़री, उसे अल्लाह तआला रौज़-ए-महशर अपने अर्श का साया अता फरमाएंगे – (बुखारी 6806)
छोटी और ख़ास हदीस शरीफ़ जानिए
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया:
तीन आदतें ऐसी है, जिसमे होंगी अल्लाह त’आला उसको अपने हिफ्ज़ो-अमान में पनाह देगा, अपनी रहमतों से उसे ढाँप लेगा और उसको अपनी मुहब्बत अता करेगा
- जब कोई नेअमत अता करे तो उसका शुक्र अता करे
- जब (सताने वाले पर) क़ाबू पाए तो उस को माफ़ कर दे
- जब ग़ुस्सा आए तो अपने आप को नरम करे
(मुसतदरक 433)
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया:
तीन लोगों से सवाल नहीं किया जाएगा (बल्कि बग़ैर हिसाब के दोज़ख में डाला जाएगा)
- ऐसा शख़्स जो जमाअत से अलग होकर अपने इमाम की नाफ़रमानी की और इसी नाफ़रमानी की हालत में मर गया
- ऐसा ग़ुलाम जो अपने आका को छोड़ कर भाग जाए और इसी हालत में मर जाए
- ऐसी औरत जिसका शौहर इसकी दुनिया की तमाम ज़िम्मेदारियाँ निभाता रहा और वह इसकी ग़ैर-मौज़ूदगी में बन-संवर कर ग़ैर-मर्दों के सामने जाए
(मुसतदरक 411)
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया:
सात मुहलिक़ गुनाहों से बचो
- अल्लाह के साथ किसी को शरीक करना
- जादु करना
- नाहक किसी की जान लेना जो अल्लाह ने हराम किया है
- सुद खाना
- यतीम का माल खाना
- जंग के दिन पीठ फेरना और
- पाक दामन ग़ाफ़िल मोमिन औरतों को तोहमत लगाना
(बुख़ारी 6857)
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया:
मेरी उम्मत में जाहीलियत के कामों में चार बातें (मौजूद) है और वह इनको तर्क नहीं करेंगें
- अहसाब (बाप दादा के) असली या मज़उमा (नक़ली) कामों पर फ़ख़्र करना
- दूसरों की नसब (खानदान) पर तान करना
- सितारों के ज़रिए बारिश माँगना
- और नोहा करना चीख चीख कर रोना
(मुस्लिम 934)
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया:
तीन आदमी ऐसे हैं जो अल्लाह तआला से दुआ मांगते हैं लेकिन इन की दुआ क़बूल नहीं की जाती
- ऐसा शख़्स जिसके निकाह में बुरी औरत हो लेकिन वह उसको तलाक़ ना देता हो
- ऐसा शख़्स जिसके पास माल हो लेकिन वह इसपर किसी को ग्वाह ना बनाए
- ऐसा शख़्स जो अपना माल किसी बेवक़ुफ़ के सुपुर्द कर दे
(मुस्तद्रक 3181)
तकब्बूर का अंजाम का हदीस
रसूल अल्लाह ﷺ ने फ़रमाया: एक आदमी चल रहा था और अपने कंधों पर पड़ने वाले बालों और अपने दोनो चादरों पर अकड़ रहा था तो अल्लाह तआला ने उसे ज़मीन में धंसा दिया और वो क़यामत तक ज़मीन में धंसता रहेगा।
📗(सहीह मुस्लिम 2088)
अच्छी अमल का हदीस
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया: जब इन्सान मर जाता है तो उसके अमल का सिलसिला बंद हो जाता है सिवाए तीन चीज़ों के, एक सदक़ा जारीया है, दूसरा ऐसा इल्म है जिस से लोग फ़ायदा उठाएं और तीसरा नेक और सालिह औलाद है जो उसके लिए दुआ करे
📗(तिर्मिज़ी 1376)
तीन बुरे अफ़राद के अंजाम का हदीस
हुज़ूर ﷺ ने फरमाया: तीन अफ़राद है अल्लाह त’आला ने उन पर जन्नत को हराम करार दिया है, शराब पर हमेशगी इख़्तियार करने वाला, वाल्दैन (माँ-बाप) का नाफ़रमान और वह दय्यूस जो अपने घर के अंदर बुराई को बरकरार रखता है
📗(मसनद अहमद 9975)
इबादत का हदीस
हुज़ूर ﷺ ने फरमाया: वो जवान, जिसकी जवानी अल्लाह की इबादत में गुज़री, उसे अल्लाह तआला रौज़-ए-महशर अपने अर्श का साया अता फरमाएंगे
📗(बुखारी 6806)
रास्ते से कांटा हटाने का हदीस
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया: एक आदमी रास्ते पर जा रहा था के इसने काँटेदार डाली देखी, इसने उसे उठा लिया तो अल्लाह ने उसका यह अमल क़बूल किया और इसकी मग़फ़िरत कर दी
📗(बुख़ारी 2472)
लालच की बात पर हदीस
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया: दो भूखे भेड़िये जिन्हे बकरियों के रेवड़ में छोड़ दिया जाएं इतना नुकसान नहीं पहुंचाएंगे जितना नुकसान आदमी के माल और ओहदे का लालच उसके दीन को पहुंचाता है
📗(तिर्मिज़ी 2376)
एक ख़ास अमल का हदीस
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया: फ़र्ज़ नमाज़ के बाद सबसे अफ़ज़ल नमाज़ आधी रात की नमाज़ है और रमज़ान के महीने के बाद सबसे अफ़ज़ल रोज़े अल्लाह के महीने मुहर्रम के रोज़े है
📗(मुस्लिम 1163)
तौबा का सवाब का हदीस
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया: अगर तुम इतनी ग़लतियाँ करो की तुम्हारी ग़लतियाँ आसमान तक पहुँच जाये, फिर तौबा करो तो (फिर भी) अल्लाह तुम्हारी तौबा क़ुबूल करेगा
📗(इब्ने माजा 4248)
अंतिम लफ्ज़
हमने यहां पर काफ़ी डीप रिसर्च करने के बाद हिंदी के बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में बताया था जिसे आप सही हदीस शरीफ आसानी से समझ सकें।
अगर आपके मन में कोई डाउट या फिर किसी तरह का कोई सवाल भी हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट मि पेज के ज़रिए जरूर पूछें।
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