आज यहां पर आप Isha Ki Namaz Ki Niyat साथ ही नियत का सही तरीका भी जानेंगे हमने यहां पर ईशा की नमाज की नियत और नियत का सही तरीका बहुत ही आसान और साफ़ लफ्ज़ों में लिखा है।
इसे पढ़ने के बाद आप यकीनन आसानी से नियत जान जाएंगे और आसानी से ईशा की नियत कर सकेंगे इसके बाद आपको कहीं और ईशा की नमाज की नियत नहीं ढूढ़नी पड़ेगी तो आप ध्यान से पूरा पढ़ें।
Isha Ki Namaz Ki Niyat
सबसे पहले आपको यह मालुम होना चाहिए कि ईशा की नमाज में फर्ज, सुन्नत, वाजिब और नफ्ल भी पढ़ी जाती है हम यहां पर सभी का नियत बताए हैं।
ईशा की 4 रकात सुन्नत की हिंदी नियत
- नियत की मैने 4 रकात नमाज ईशा की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
ईशा की 4 रकात सुन्नत की अरबी नियत
- नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला आरबा रकाति सलावतिल ईशाए सुन्नत रसुलल्लाहे मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।
ईशा की 4 रकात फर्ज की हिंदी नियत
- नियत की मैने नमाज ईशा की 4 रकात फर्ज़ वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
ईशा की 4 रकात फर्ज की अरबी नियत
- नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला आरबा रकाति सलावतिल ईशाए फर्जुलल्लाहे मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।
ईशा की 2 रकात सुन्नत की हिंदी नियत
- नियत कि मैंने 2 रकात नमाज ईशा की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
ईशा की 2 रकात सुन्नत की अरबी नियत
- नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल ईशाए सुन्नत रसुलल्लाहे मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।
ईशा की 2 रकात नफिल की हिंदी नियत
- नियत कि मैंने 2 रकात नमाज ईशा की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
ईशा की 2 रकात नफिल की अरबी नियत
- नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल नफ्ली मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।
वित्र की 3 रकात वाजिब की हिंदी नियत
- नियत की मैने 3 रकात नमाज वित्र की वाजिब वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
वित्र की 3 रकात वाजिब की अरबी नियत
- नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला सलास् रकाति सलावतिल वित्र वाजिबल्लाहे मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते अल्लाहू अकबर।
ईशा की नमाज की नियत इस तरह करें
नियत करने के बाद अल्लाहू अकबर कहते हुए अपने हाथों को उठाएं अगर आप औरत हैं तो हांथ को कांधे तक उठा कर फिर नीचे सीने पर ला कर बांध लें।
अगर आप एक पुरुष हजरात हैं तो आप अपने हाथों को कान तक उठाएं और कान की लौ छू कर नीचे लाकर नाफ के नीचे बांध लें।
यह बात औरत और मर्द दोनों के लिए है कि सबसे नीचे बाईं हथेली रखें उसके उपर दाहिना हांथ रखें तीन उंगली उपर रखें और दो उंगली से उपर नीचे पकड़ लें।
नियत में ध्यान देने योग्य बातें
- अगर आप जमात के साथ नमाज पढ़ेंगे तो आप हिंदी नियत में वास्ते अल्लाह तआला के बाद पीछे इस इमाम के बोल कर आगे की लफ्ज पढ़ के नियत बांधेंगे।
- अरबी नियत में इकत दयतू बिहाजल इमाम इसके बाद मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफते कहेंगे फिर अल्लाहू अकबर कह कर नियत बांधेंगे।
- एक बात यह भी मालूम होना चाहिए कि जबान से नियत नहीं भी करेंगे तो भी हो जाती है नियत का दिल में इरादा होना ही काफी होता है।
अंतिम लफ्ज़
मेरे प्यारे मोमिनों आप ने अब तक तो ईशा की नमाज की नियत और नियत का सही तरीका भी समझ गए होंगे हमने यहां पर नियत की दोनो किस्म को अरबी और हिंदी में पेश किया था जिसे आप अपने मुताबिक जो अच्छा लगे उसे पढ़ कर नमाज आसानी से शुरू कर सकें।
अगर इसके बाद भी कोई डाउट हो तो आप कॉमेंट करके हमसे जरूर पूछें साथ ही कहीं टाइपिंग मिस्टेक या कुछ गलत लगे तो तो भी इनफॉर्म करें साथ ही अपने दोस्तों अहबाबों को भी बता कर सवाब हासिल करें इस के लिए आप को हम सब का रब जरूर अज्र देगा इंशाल्लाह तआला।
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